ईरान की संसद के स्पीकर मोहम्मद बाक़र क़ालीबाफ़ ने खाड़ी सहयोग परिषद (GCC) और यूरोपीय संघ के विदेश मंत्रियों के हालिया संयुक्त बयान को सख़्ती से खारिज करते हुए कहा कि ईरान अपनी क्षेत्रीय अखंडता पर किसी भी हालत में समझौता नहीं करेगा।
संसद के सत्र को संबोधित करते हुए क़ालीबाफ़ ने ईरान के तीन द्वीपों तुंबे बुज़ुर्ग, तुंबे कुचिक और अबू मूसा पर संयुक्त अरब अमीरात के दावे और यूरोपीय समर्थन को बेबुनियाद और दख़लअंदाज़ी करार दिया।
उन्होंने कहा कि ईरानी क़ौम अपनी ज़मीन पर किसी काल्पनिक या ग़ैर-वास्तविक पक्ष के साथ कोई सौदा नहीं करेगी।
फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध के “तूफ़ान अल-अक़्सा” अभियान की दूसरी वर्षगांठ का ज़िक्र करते हुए उन्होंने कहा कि हमास की अगुवाई में हुआ यह ऑपरेशन इस्राईल के लिए एक रणनीतिक झटका साबित हुआ और इसने अमेरिका और उसके साथियों की योजनाओं को नाकाम बना दिया।
क़ालीबाफ़ ने कहा कि अमेरिकी समर्थन से इस्राईल ने लगातार हमलों के ज़रिए हज़ारों फ़िलिस्तीनियों को मार डाला और गज़्ज़ा को तबाह कर दिया, लेकिन फ़िलिस्तीन, लेबनान, यमन और क्षेत्र की अन्य प्रतिरोधी ताक़तों ने इस्राईल के ख़िलाफ़ शक्ति का संतुलन बदल दिया है।
उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि हमास, इस्लामिक जिहाद, हिज़्बुल्लाह और अन्य प्रतिरोधी संगठन पूरी ताक़त और हिम्मत से मैदान में डटे हुए हैं, जबकि इस्राईली सरकार अंदरूनी संकटों से जूझ रही है और उसने अपनी सुरक्षा और सामाजिक एकता खो दी है।
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